कहे कबूतर गुटरूगूं-गुटरूगूं भाई गुटरूगूं बोलूं या चुप हो जाऊं, रूकूं यहां या उड़ जाऊं, दाने बिन बिन कर खाऊं, दुपहर है क्या सुस्ताऊं ? ...

कहे कबूतर गुटरूगूं-गुटरूगूं भाई गुटरूगूं बोलूं या चुप हो जाऊं, रूकूं यहां या उड़ जाऊं, दाने बिन बिन कर खाऊं, दुपहर है क्या सुस्ताऊं ? ...
प्यारी-सी चिड़िया सूरज उगने के संग ही, आसमां में खो जाती है, प्यारी-सी आवाज सुनाकर, खुश बहुत वो करती है , प्यारी-सी चिड़िया मेरी, मन को ...
माली आज लगा दे झूला , झूले पर हम झूला झूलें। इस पर चढ़कर, ऊपर बढ़कर, आसमान को हम छू लें। झूला झूल रही है डाली, झूल रही है पत्ती-पत्ती। इ...