सामान्य रूप से कहा और माना जा सकता और माना भी जाता है कि शिक्षा और रोजगार का आपस में कोई संबंध नहीं है। शिक्षा का मूल प्रयोजन और उद्दे...

सामान्य रूप से कहा और माना जा सकता और माना भी जाता है कि शिक्षा और रोजगार का आपस में कोई संबंध नहीं है। शिक्षा का मूल प्रयोजन और उद्दे...
वृक्ष समस्त प्राणी जगत के श्रेष्ठ साथी और सहचर माने गए हैं। वृक्षों के समूह को वन, उपवन, जंगल कुछ भीकहकर पुकारा जा सकता है। वृक्षों को प्र...
आज का युग छोटे-बड़े उद्योगों का युग है। इसी कारण कुछ वर्ष दबी रहने के बाद कुटीर उद्योग या लघु उद्योग की चर्चा आज भारत में एक बार पुन: बल प...
आरंभव से ही यह मान्यता चली आ रही है कि भारत गांव-संस्कृति प्रदशन देश है। फिर भी गांव का नाम सुनते ही आपस में, दो सर्वथा विरोधी चित्र हमार...
राष्ट्र एक ऐसी कड़ी या अमूर्त सत्ता को कहा जाता है कि जो प्रत्येक स्तर पर आतंरिक रूप से संबद्ध एंव एक हुआ करती है। यह एकता भाषा के स्तर...
सामान्य एंव व्यावहारिक दृष्टि से समूचे राष्ट्र द्वारा व्यवहत और संविधान द्वारा स्वीकृत भाषा ही राष्ट्रभाषा कहलाती है। संसार के प्रत्ये...
विज्ञापन के उपयोग और महत्व Vigyapan ke Upyog Aur Mahatav आज की युग-चेतना की दृष्टि से विभिन्न कलाओं के अंतर्गत विज्ञापन को भी एक उप...
समाचार-पत्र Samachar Patra समाचार-पत्र यानी अखबार आज के जीवन के हर दिन की होने वाली सुबह की पहली महत्ती आवश्यकता है। मनुष्य एक बुद्धिम...
महाविद्यालय का पहला दिन Mahavidyalaya Ka Pahla Din जब मैं स्कूल में पढ़ता था, तो महाविद्यालयों (कॉलेजों) में पढऩे वाले छात्रों को बड...
साक्षरता क्यों आवश्यक है? Saksharta Kyo Avashyak Hai? आज शिक्षा पर विशेष बल दिया जा रहा है। पूर्ण शिक्षा न भी सही, क्योंकि महंगी और विष...
मनुष्य का जीवन संसार में सबसे अच्छा, ऊंचा और आदर्श माना जाता है। सामान्य रूप से इस मनुष्य जीवन के चार भाग या अवस्थांए मानी गई हैं। शैशव...
मनुष्य स्वभाव से ही अध्ययनशील प्राणी माना गया है। ‘अध्ययन’ शब्द का अर्थ है-पढऩा। अध्ययन या पढऩे के मुख्य दो रूप स्वीकारे जाते हैं – एक, व...
पुस्तकाल, अर्थात पुस्तकों का विशाल संग्रह या घर। पुस्तकों के आगार या भंडार को, या फिर उस स्थान विशेष को कि जहां अनेक विषयों से संबंधित सभी...
संसार एक खुली पाठशाला है और उसमें हर व्यक्ति शिक्षार्थी है। वह इसलिए कि शिक्षा मनुष्य को सत्य की पहचान कर पाने में समर्थ ज्ञान की आंख...
गांव भारतीय सभ्या-संस्कृति की रीढ़ और परंपरागत केंद्र रहे हैं। आज बीसवीं सदी के इस अंतिम चरण में भी भारत को गांव-संस्कृति और कृषि-प्रधान ...
शिक्षा का माध्यम Shiksha Ka Madhyam माध्यम का अर्थ होता है वह साधन या ढंग, जिसको अपनाकर कोई व्यक्ति या हम कुछ ग्रहण करते हैं। शिक्षा के...
विद्यालय का वार्षिक मोहोत्सव मानव-स्वभाव जन्मजात रूप से ही उत्सव प्रिय है। उत्सव का अर्थ है-आनंद। इसलिए उत्सव का नाम सुनते ही मेरा रो...
सैनिक-शिक्षा और विद्यार्थी Compulsory Military Education जीवन में सफलता पाने के लिए हर प्रकार की शिक्षा अनिवार्य है। ‘शिक्षा’ शब्द का...
विद्यार्थी और अनुशासन नियमित अर्थात समाज, संस्था द्वारा निर्धारित या स्वंय उसके नियमों का पालन करते हुए जीवन जीने का प्रयत्न ही अनुशास...
विद्यार्थी और राजनीति आयु में अध्ययन का एक विशिष्ट भाग विद्यार्थी जीवन कहलाता है। इस अवस्था में जीवन को सफल बनोन के लिए अनेक प्रकार की वि...