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Thursday, July 18, 2019

झूला jhula hindi kavita

July 18, 2019

माली आज लगा दे झूला,
झूले पर हम झूला झूलें।
इस पर चढ़कर, ऊपर बढ़कर,
आसमान को हम छू लें।
झूला झूल रही है डाली,
झूल रही है पत्ती-पत्ती।
इस झूले पर बड़ा मजा है,
बहुत आधिक है मस्ती।
झूला झूल रही है गुड़िया,
झूला झूले रस की पुड़िया।
झूला जुले सारा उपवन,
झूला झूले नील गगन।


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