424, तिलक नगर,
दिल्ली।
दिनांक 25 फरवरी, 20XX
सेवा में,
सम्पादक महोदय,
दैनिक भास्कर,
नई दिल्ली।
विषय- हिंसा प्रधान फिल्मों के बाल मन पर पड़ रहे दुष्प्रभाव की समस्या हेतु।
महोदय,
मैं आपके दैनिक समाचार-पत्र के माध्यम से सरकार और समाज का ध्यान हिंसा प्रधान फिल्मों के दुष्प्रभाव की ओर दिलाना चाहती हूँ। आजकल दूरदर्शन के विभिन्न चैनलों पर हिंसा प्रधान फिल्मों का प्रदर्शन धड़ल्ले से किया जा रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि उन पर सरकार का कोई नियन्त्रण नहीं रह गया हैं। आज कल समाज में हो रही लूट-पाट एवं हिंसा की घटनाओं का कारण भी ये फिल्में हैं। इन फिल्मों से युवा मन जल्दी ही बुराई की ओर आकर्षित होता है।
इस पत्र के माध्यम से मैं सरकार के 'सूचना एवं प्रसारण मन्त्रालय' से अपील करना चाहती हूँ कि वह इस प्रकार की फिल्मों पर रोक लगाए।
धन्यवाद।
भवदीया
स्नेहा
Sunday, February 3, 2019
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