142, पटेल नगर,
नई दिल्ली।
दिनांक 15 मार्च, 20XX
सेवा में,
सम्पादक महोदय,
नवभारत टाइम्स,
नई दिल्ली।
विषय- कन्या-भ्रूण हत्या की बढ़ती प्रवृत्ति के सन्दर्भ में।
महोदय,
आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मैं देश में बढ़ रही कन्या-भ्रूण हत्या की प्रवृत्ति की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहती हूँ। अनेक लोग गर्भ में ही लिंग परीक्षण करवाकर कन्या-भ्रूण होने की स्थिति में इसे मार डालते हैं, गर्भ में ही कन्या-भ्रूण की हत्या कर दी जाती है। ऐसा करने वाले केवल गरीब या निर्धन एवं अशिक्षित लोग ही नहीं होते, बल्कि समाज का पढ़ा लिखा एवं धनी तबका भी इसमें बराबरी की हिस्सेदारी करता है।
समाज का यह दृष्टिकोण अत्यन्त रूढ़िवादी एवं पिछड़ा है, जिसे किसी भी स्थिति में बढ़ावा नहीं मिलना चाहिए। समाज के बौद्धिक एवं तार्किक लोगों का कर्त्तव्य है कि वे सरकार एवं प्रशासन के साथ मिलकर कन्या-भ्रूण हत्या को अन्जाम देने वाले या उसका समर्थन करने वाले लोगों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करें, जिससे समाज का सन्तुलन एवं समग्र विकास सम्भव हो सके।
धन्यवाद।
भवदीया
ऋतिका
Sunday, February 3, 2019
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