प्रस्तावना यह नीतिवचन मनुष्य को अपनी ज़रूरतों और इच्छाओं को सीमित करने की सलाह देती है क्योंकि इनका कोई अंत नहीं है। यदि हम अपनी हर इच्छा...
प्रस्तावना यह नीतिवचन मनुष्य को अपनी ज़रूरतों और इच्छाओं को सीमित करने की सलाह देती है क्योंकि इनका कोई अंत नहीं है। यदि हम अपनी हर इच्छा...
प्रस्तावना किसी भी देश में चुनाव के दौरान होने वाली राजनीति उस देश के लोकतंत्र का एक अहम हिस्सा होती है। राजनीति के सुचारु और स्वच्छ क...
प्रस्तावना चुनाव के बिना लोकतंत्र की परिकल्पना भी नही की जा सकती है, एक तरह से लोकतंत्र और चुनाव को एक-दूसरे का पूरक माना जा सकता है। ...
प्रस्तावना किसी भी लोकतांत्रिक देश में चुनाव काफी महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और क्योंकि भारत को विश्व को सबसे बड़े लोकतंत्र के रुप में भी...
प्रस्तावना भारत निर्वाचन आयोग भारत की एक स्वतंत्र सरकारी संस्था है, जिसका गठन 25 जनवरी 1950 को हुआ था। इसका कार्य भारत में होने वाल...
प्रस्तावना भारत निर्वाचन आयोग संविधान अनुसार स्थापित एक संवैधानिक निकाय है। जिसका कार्य भारत में विभिन्न चुनावों को निष्पक्ष रुप से कर...
भारत निर्वाचन आयोग का गठन भारत में विधानसभा, लोकसभा, राष्ट्रपति पद जैसे विभिन्न चुनावों को निष्पक्ष रुप से कराने के लिए किया गया था। यह ...