प्रस्तावना
भारत निर्वाचन आयोग भारत की एक स्वतंत्र सरकारी संस्था है, जिसका गठन 25 जनवरी 1950 को हुआ था। इसका कार्य भारत में होने वाले कई प्रमुख चुनावों की देखरेख करना और उन्हें सफलतापूर्वक संपन्न कराना है। संविधान द्वारा भारत निर्वाचन आयोग को कई विशेष शक्तियां प्रदान की गई हैं। जिनके विषय में संविधान के अनुच्छेद 324 में विस्तार से बताया गया है। इसके ऊपर चुनाव का काफी बड़ा दायित्व होता है, जो इसे भारत की सबसे महत्वपूर्ण तथा आवश्यक संस्थाओं में से एक बनाता है।
भारत निर्वाचन आयोग को प्राप्त विशेष शक्तियां
भारत की एक महत्वपूर्ण सरकारी संस्था होने के कारण भारत निर्वाचन आयोग कई सारी विशेष शक्तियां प्राप्त हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार संविधान के अनुच्छेद 324 में निर्वाचन आयोग को कई विशेष शक्तियां प्राप्त हैं। जिसके अनुसार निर्वाचन आयोग की शक्तियां कार्यपालिका द्वारा नही नियंत्रित हो सकती हैं। हालांकि निर्वाचन आयोग विधायिका निर्मित विधि का उल्लँघन नहीं कर सकता है क्योंकि इसके निर्णय न्यायिक पुनरीक्षण के पात्र होते है।
इसके साथ ही चुनाव आयोग चुनाव का कार्यक्रम निर्धारित करता है और दलों तथा निर्दलीय उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह भी आवंटित करता है। भारत में चुनाव और उससे जुड़े सभी कार्यों की शक्तियां निर्वाचन आयोग को ही प्राप्त है और यही उसका एकमात्र कार्य है। किसी भी स्थान पर निष्पक्ष तथा ईमानदारी से चुनाव करवाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग को असीमित शक्तियां प्राप्त है।
भारत निर्वाचन आयोग की आवश्यकता
भारत में निष्पक्षा से चुनाव करवाने में भारत निर्वाचन आयोग की एक बड़ी भूमिका है यही कारण है की इसके आवश्यकता पर सवाल नही उठाया जा सकता है। यदि यह संस्था ना हो तो चुनाव करवाने में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जायेंगी। यदि यह कार्य किसी अन्य सरकारी या गैरसरकारी संस्था को दिया जाये तो उसके स्वयत्ता पर भी सवाल उठ सकता है क्योंकि भारत निर्वाचन आयोग की विशेष शक्तियां ही इसे दूसरे अन्य संस्थाओं से भिन्न बनाती है।
चुनाव से जुड़े विषयों में भारत निर्वाचन आयोग को पूर्ण रुप से स्वतंत्रता प्राप्त है। यही कारण है कि यह निश्चित समयातंराल पर होने वाले चुनावों की तारीख जारी करने से लेकर चुनावों के नतीजे जारी करने जैसे सारे कार्य करता है। इस संस्था के सतर्कता और सुझावों के कारण ही चुनावों में होने वाले धांधलियों में कमी आई है और कई विशेष सुधार हुए है। यह बाते इस बात को साबित करती हैं कि हमारे देश में निष्पक्ष तथा पारदर्शी चुनावों के लिए भारत निर्वाचन आयोग जैसी संस्था का होना बहुत ही आवश्यक है।
भारत निर्वाचन आयोग का महत्व
भारत निर्वाचन आयोग हमारे देश की एक बहुत ही महत्वपूर्ण संस्था है। आजादी के बाद से अबतक हमारे देश में कई सारे चुनाव हुए हैं। जिनका नेतृत्व चुनाव आयोग द्वारा किया गया है। जैसा कि हम सब जानते है कि किसी भी लोकतंत्र में एक निश्चित अंतराल पर चुनावों का होना बहुत ही आवश्यक है। इसलिए चुनावों को निष्पक्ष रुप से कराने के लिए एक संस्था की भी आवश्यकता होती है, यही कारण है कि भारत निर्वाचन आयोग का अस्तित्व हमारे देश में निष्पक्ष तथा पारदर्शी चुनावों के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
भारत निर्वाचन आयोग का निर्माण भारत में चुनावों का निष्पक्ष संचालन करने के लिए हुआ था। आजादी के बाद से हमारे देश में कई सारे चुनाव हो चुके हैं, जिनका चुनाव आयोग द्वारा काफी अच्छे तरीके से संचालन किया गया है। इसके साथ आयोग के सुझावों पर सरकार द्वारा चुनाव प्रक्रिया में ईवीएम मशीन, वीवीपैट, मतदान आयु में कमी जैसे महत्वपूर्ण परिवर्तन भी हुए है। भारत निर्वाचन आयोग ने देश अपने योगदान के जरिये देश के लोकतंत्र को और भी मजबूत किया है। यही कारण है कि इसे भारत के सबसे महत्वपूर्ण संस्थाओं में से एक माना जाता है।
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