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Thursday, May 16, 2019

भारतीय चुनावों में चुनाव आयोग की भूमिका पर निबंध – 3 (Essay on Role of Election Commission of India in Indian Elections - 400 Words)

May 16, 2019


प्रस्तावना
भारत निर्वाचन आयोग संविधान अनुसार स्थापित एक संवैधानिक निकाय है। जिसका कार्य भारत में विभिन्न चुनावों को निष्पक्ष रुप से कराना है। इस कार्य के लिए इसे संविधान द्वारा कई विशेष शक्तियां भी प्रदान की गयी। देश के आजादी के बाद से अबतक कई बार चुनाव हो चुके हैं। जिसमें इस संस्था की अपनी एक अहम भूमिका रही है।
भारत निर्वाचन आयोग का ढांचा
भारत निर्वाचन आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है, जिसमें कुल 300 कर्मचारी है। इस सचिवालय में मुख्य चुनाव आयुक्त और महानिदेशक वरिष्ठ अधिकारी होते हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त को भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। इस पद का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु जो भी पहले हो मानी जाती है और मुख्य निर्वाचन आयुक्त वेतन तथा पद सम्मान सर्वोच्च न्यायलय के न्यायधीश के ही बराबर होता है। इसके साथ ही मुख्य निर्वाचन आयुक्त को समय से पहले उसके पद से मात्र महाभियोग द्वारा ही हटाया जा सकता है। 
भारतीय चुनावों में चुनाव आयोग की भूमिका
भारत निर्वाचन आयोग के बिना भारतीय चुनावों की कल्पना भी नही की जा सकती है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इस बात का ध्यान रखा जाता है कि नियमानुसार एक निश्चित अंतराल पर देश में निष्पक्ष रुप से लोकसभा, विधानसभा, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति जैसे महत्वपूर्ण चुनाव अवश्य हो। इन चुनावों का सफलतापूर्वक संचालन व कार्यन्वन दोनों ही चुनाव आयोग के ही उपर होता है।
यही कारण है कि इसका स्वायत्त होना भी बहुत ही आवश्यक है क्योंकि हमारे देश में लोकतांत्रिक चुनाव हिंसा से मुक्त नही रहे है, यही कारण है कि इसे चुनावों के दौरान लोगों की देखरेख करने और उल्लंघन करने वालों को सजा देने की शक्ति भी प्राप्त है। भारत निर्वाचन आयोग एक सामान्य उम्मीदवार से लेकर प्रधानमंत्री तक के ऊपर कारवाई कर सकता है। इसके साथ ही चुनाव आयोग सरकार को समय-समय पर चुनाव प्रक्रिया में महत्वपूर्ण संसोधनों की सलाह भी देता है।
भारतीय चुनाव प्रणाली में अबतक कई संसोधन हो चुके है और इनका मुख्य श्रेय यदि किसी को जाता है तो वह भारत निर्वाचन आयोग ही है। जैसे कि चुनावी प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी तथा और भी विश्वसनीय बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लागू करवाना। 2004 चुनावों से मतदान में घोटालेबाजी को रोकने के लिए मतदान पहचान पत्र को अनिवार्य करवाना। ईवीएम मशीन पर सवाल उठाये जाने पर 2019 के चुनावों से अधिक पारदर्शी वीवीपैट मशीनों के उपयोग को शुरु करवाना आदि।
निष्कर्ष
भारतीय लोकतंत्र की सफलता में में भारत निर्वाचन आयोग की एक महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि तमाम बाधाओं के बावजूद भी इस संस्था द्वारा भारत के चुनावों को सफलतापूर्वक संपन्न कराया जाता है। अपने इसी प्रमुख कार्य के कारण इसे दूसरे किसी अन्य सरकारी तंत्रों तथा संस्थाओं से अधिक स्वतंत्रता प्राप्त है। इसकी इन्हीं विशेषताओं के कारण भारतीय चुनावों में इसके महत्वपूर्ण भूमिका को नकारा नही जा सकता है।


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