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Monday, December 23, 2019

विज्ञापन के उपयोग और महत्व Vigyapan ke Upyog Aur Mahatav hindi essay 415 words

December 23, 2019

आज के युग को विज्ञापन का युग भी कहा जाता है। विज्ञापन का एक खास प्रभाव और महत्व हुआ करता है।  इस विज्ञापन कला को प्रभावी बनाने के कारण रूप में अन्य कई कलाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। उनमें से प्रमुा है – लेखन-कला, चित्रकला, सिने-कला और प्रकाशन प्रसारण कला। प्रकाशन-कला और छापेखाने का भी विज्ञापन कला के प्रचार-प्रसार में कम योगदान नहीं है।
उपलब्ध साधनों के आधार पर आज हमारे पास विज्ञापन के प्रसारण के तीन दृश्य, श्रव्य और पाठय साधन विद्यमान है। सिनेमा और दूरदर्शन में दृश्य-श्रव्य दोनों का एकीकरण या समावेश हो जाता है।
 श्रव्य साधन के रूप में वस्तुओं का विज्ञापन करने के लिए आकाशवाणी या रेडियो का सहारा लिया जाता है। वस्तु या उत्पादन के संबंध में तो प्रभावशाली भाषा-भंगिमा का सहारा लिया ही जाता है, बीच में चुटकुलों, फिल्मी गीतों, छोटी-छोटी कहानियों, श्रव्य-झांकियों का सहारा लेकर भी विज्ञापित वस्तु के महत्व की छाप बिठा दी जाती है। 
 पाठयरूप में समाचार-पत्रों, पोस्टरों, साइनबोर्डों, बड़े-बड़े बैनरों और नियोन साइन आदि का सहारा लिया जाता है। नियोन साइन तथा बड़े-बड़े प्ले बोर्ड तो पाठयता के साथ-साथ दृश्यमयता का प्रभाव भी डालकर प्रदर्शित या विज्ञापित वस्तु तक अवश्य पहुंचने का प्रभाव छोड़ जाते हैं। 
विज्ञापन-कला का वास्तविक उद्देश्यय और उपयोग किसी नए एंव उपयोगी उत्पादन की सूचना आम लोगों तक पहुंचाना, उसका प्रचार-प्रसार करना ही है।  पर आजकल धन के लोभ में ऐसी वस्तुओं पर भी पानी की तरह पैसा बहाया जाता है कि जो वस्तुत: देश-जाति के लिए हानिप्रद, बल्कि घातक भी सिद्ध हो सकती है। इसी प्रकार विज्ञापन-कला को जो अश्लील और घातक ढंग अपनाए जा रहे हैं, उनसे बचाव भी आवश्यक है। 
समाचार-पत्रों में आवश्यकता के विज्ञापन दे या पढक़र किसी की सेवा ली और दी जा सकती है। विज्ञापनों के माध्यम से आज उपयुक्त वर-वधु की खोज होने लगी है। मकान किराए पर देने-लेने के लिए, खरीद-बेच के लिए, सरकारी सूचनांए और कार्यों की जानकारी देने के लिए, कोर्ट-कचहरी आदि के आवश्यक सम्मनों-कार्यों आदि के लिए आज अनेक प्रकार से विज्ञापनों का सहारा लिया जाता है। उपभोक्ताओं का भी भला हो इस कला से जुड़े लोगों मान-मूल्य पा सकें। यही इसका उद्देश्य, प्रयोजन और महत्व है। सदुपयोग करके इस उद्देश्य और महत्व को हमेशा प्रभावी बनाए रखा जा सकता है। 

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