समाचार-पत्र यानी अखबार आज के जीवन के हर दिन की होने वाली सुबह की पहली महत्ती आवश्यकता है। आज समाचार-पत्र जीवन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। सुबह-सवेरे नींद से उठते ही आज के मनुष्य को सबसे पहली तलब समाचार-पत्र की ही हुआ करती है।
समाचार-पत्र के अनुक उपयोग और लाभ हैं। वे हमें देश-विदेश के छोटे-बड़े, अच्छे-बुरे सभी प्रकार के समाचारों से प्रतिदिन परिचित कराते रहते हैं। कि मानव-सभ्यता-संस्कृति प्रतिदिन क्या करती है, किस और बढ़ती है-ये सारी बातें समाचार-पत्र हमें घरों में बैठे-बिठाए ही बता दिया करते हैं।
आज के समाचार-पत्र इन मुख्य लाभों के अतिरिक्त अन्य अनेक प्रकार से भी मानव-समाज की सेवा कर उसे लाभ पहुंचा रहे हैं। समाचार-पत्रों में मंडियों के भाव छपते हैं, नए उत्पादनों के विज्ञापन छपते हैं, सामाजिक, सांस्कृतिक, कला संबंधी सूचनांए छपती हैं, सरकारी घोषणाओं का प्रकाशन होता है, -इस प्रकार की सभी या इनमें से कुछ बातें, सूचनांए हमारे लिए भी उपयोगी हो सकती हैं। इसलिए हमें दैनिक समाचार-पत्र पढऩे की आदत अवश्य डालनी चाहिए।
आज सामाजिक संपर्क एंव संबंध बनाने-जोडऩे के भी समाचार-पत्रों को माध्यम बनाया जाता है। विवाह योज्य वर-वधुओं के विज्ञापनों की लोकप्रियता इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, तिमारी, छमाही और वार्षिक के साथ-साथ सांध्य समाचार आदि समाचार-पत्रों के कई रूप हैं। दैनिक पत्रों में प्रतिदिन के समाचारों पर ही विशेष बल दिया जाता है। साप्ताहिक और पाक्षिक पत्रों का स्वरूप आलोचनात्मक अधिक होता है।
इस प्रकार समाचार-पत्रों, इनके छोटे-बड़े विविध और विभिन्न रूपों का महत्व स्पष्ट है। वे हमें पढऩे की आदत डालते हैं, हमारा ज्ञान बढ़ाते और मनोरंजन भी करते हैं, हमारी रुचियों और विचारों का परिष्कार-विस्तार भी करते हैं। हमें बाकी दुनिया के साथ जोड़ते भी हैं। अत: हमें नियमित रूप से समाचार-पत्रों के अध्ययन की आदत डालनी चाहिए।
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