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Thursday, March 14, 2019

, ”त्यौहारों का जीवन में महत्व” Hindi Essay on “Tyoharo ka Jeevan mein Mahatav” 600 words

March 14, 2019
त्यौहार समय-समय पर आकर हमारे जीवन में नई चेतना, नई स्फूर्ति, उमंग तथा सामूहिक चेतना जगाकर हमारे जीवन को सही दिशा में प्रवृत करते हैं। ये किसी राष्ट्र एंव जाति-वर्ग की सामूहिक चेतना को उजागर करने वाले जीवित तत्व के रूप में प्रकट हुआ करते हैं। कोई राष्ट्र त्यौहारों के माध्यम से अपने सामूहिक आनंद को उजागर किया करते हैं। व्यक्ति का मन आनंद तथा मौजप्रिय हुआ करता है। वह किसी न किसी तरह उपाय जुटाता ही रहता है। इसके विपरीत त्यौहार के माध्यम से प्रसन्नता और आनंद बटोरने के लिए पूरे समाज को सामूहिक रूप से सघन प्रयास करना पड़ता है। समाज के प्रत्येक व्यक्ति द्वारा अपनी-अपनी घर परिवार की सीमा में रहकर किया गया एक ही प्रकार का हुआ करता है। अत: उसे भी सामूहिकता, सामाजिकता या सामूहिक प्रयासों के अंतर्गत रखा जा सकता है। जैसे-दीपावली का त्यौहार मनाते हैं तो सभी लोग अपने-अपने चक्र पूजा करते हैं अपने घर-परिवार में बांटते खाते हैं पर यह सब एक ही दिन, एक ही समय लगभग एक समान ढंग से किया जाता है और इसका प्रभाव भी सम्मिलित दिखाई देता है इस सारी प्रक्रिया को सामूहिक स्तर पर की गई आनन्दोत्साह की अभिव्यक्ति ही माना जाता है।

त्यौहारों का महत्व अन्य कईं दृष्टियों से समझा एंव देखा जा सकता है। त्यौहारों के अवसर पर घर-परिवार के छोटे-बड़े सभी सदस्यों को करीब आने, मिल बैठने, एक-दूसरे के सुख-आनंद को सांझा बनाने के सुयोग भी प्रदान किया करते हैं। इतना ही नहीं कई बार त्यौहार जाति-धर्म की भावनाओं को भी समाप्त कर देने में सिद्ध हुए हैं। त्यौहार व्यक्तियों को आमने-सामने अपने पर परस्पर समझने-बूझने का अवसर तो देते ही हैं, भावना के स्तर पर परस्पर जुडऩे या एक होने का संयोग भी हुटा दिया करते हैं क्योंकि त्यौहार मनाने की चेतना सभी में एक सी हुआ करती है।

त्यौहारों का संबंध किसी राष्ट्र की किसी परंपरागत चेतना, राष्ट्रीय धरोहर महत्वपूर्ण घटना, महत्वर्पूण व्यक्तित्व स्थानख् शोध-परिशोध के साथ हुआ करता है। वह क्या, कहां और कैसे घटित या संपन्न हुआ जैसी सभी तरह की ऐतिहासिक बातों एंव तथ्यों से हम लोग त्यौहार मनाकर और जानकर ही परिचित हो पाते हैं। इस प्रकार त्यौहार वर्तमान और अतीत के साथ जुड़े साबित हुआ करते हैं। वह समाज और व्यक्ति को अपने जड़ मूल से अपने मौलिक तत्वों से जोड़ा करते हैं। यहां गणतंत्र तदवस का त्यौहार मनाकर हमारा सारा देश और समाज अपने-आप को उन कठिन क्षणों के साथ जोडऩे या उन्हें दोहराने का प्रयास किया करते हैं कि जब राष्ट्र की स्वतंत्रता और आन के मोर्चे पर डटकर सारा देश एक जुट होकर संघर्ष कर रहा था। इसी तरह गणतंत्र दिवस हमें निकट अतीत के उन क्षणों के साथ जोड़ता है जब स्वतंत्र भारत का अपना संविधान बनाकर उसे लागू किया गया, देश को एक लोकतंत्रीय व्यवस्ािा वाला राज्य घोषित किया गया। इस प्रकार त्यौहार मनाने का एक महत्व किसी राष्ट्र के वर्तमान को अतीत के साथ जोडक़र उसकी चुनौतियों के प्रति सावधान करना भी है।

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