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Friday, March 22, 2019

”स्वस्थ भारत ” Hindi Essay on “Swasth Bharat” ,320 words

March 22, 2019
यदि हम स्वस्थ है तो हम एक साधारण भारत के नागरिक भी है। यदि हम अस्वस्थ है तो गरीब, अयोज्य और उपेक्षित भी है। किसी देश, जाति, समाज तथासंप्रदाय की उन्नति तभी संभव है, जबकि वे स्वस्थ और स्फूर्त है।

जिसका स्वास्थ्य अच्छा है, वह भाज्यशाली है। यदि किसी के पास अपार धन है, परंतु वह अस्वस्थ है, तो वह जीवन का आनंद नहीं उठा सकता।


स्वस्थ रहने की पहली शर्त है ताजा हवा और शुद्ध पानी। हर पल हम सांस लेते और छोड़ते हैं। सांस लेने का मतलब है, हम हवा ग्रहण करते और सांस छोडऩे का मतलब है कि हम अपने शरीद से गंदी हवा बाहर निकालते हैं।

गांव में पीने के पानी की भरी समस्या है। कच्चे कुंए का पानी हानिकारक होता है। पोखर और तालाबों के पानी से अनेक प्रकार की बीमारियां लग जाती हैं।

पानी शहर में नलों से मिलता है, परंतु ठीक तरह साफ न होने के कारण वह शुद्ध नहीं रहता। कहीं-कहीं नदी के पानी को साफ करके नलों द्वारा जनता तक पहुंचाया जाता है। परंतु नदियों का पानी इतना दूषित हो गया है कि उसे ठीक से साफ करना वाटर-वक्र्स द्वारा संभव नहीं रहा है। शहर की सारी गंदगी समेटकर नाले-नदी में गिरते हैं।

कहने का तात्पर्य यह है कि गांव हो या शहर, हवा और पानी दोनों ही दूषित हो गए हैं। इसका जन-जीवन पर बुरा असर पड़ रहा है और व्यक्ति की शक्ति कम होती जा रही है।

केवल यही नहीं कि हवा और पानी दूषित होने से ही जनजीवन नरक बना हो, उसके और भी अनेक कारण हैं। सफाई रखना तो सभी का फर्ज है। साथ ही संतुलित भोजन पर जोर दें।  बच्चों के लिए खेलना सबसे उत्तम व्यायाम है। खेलने से शरीर बढ़ता है। हड्डियां मजबूत होती हैं, भूख बढ़ती है, भोजन पचता है और मन प्रसन्न रहता है। अच्छी नींद आती है।  अच्छे काम करने से भी मन स्वस्थ रहता है। बुरे काम करने से मन भी दुखी रहता है।

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