हमारे देश भारत की संस्कृति एवं सभ्यता वनों में ही पल्लवित तथा विकसित हुई है यह एक तरह से मानव का जीवन सहचर है वृक्षारोपण से प्रकृति का संतुलन बना रहता है
भारत की सभ्यता वनों की गोद मे ही विकासमान हुई है हमारे यहां के ऋषि मुनियों ने इन वृक्ष की छांव में बैठकर ही चिंतन मनन के साथ ही ज्ञान के भंडार को मानव को सौपा है
हमारे भारत देश में जहां वृक्षारोपण का कार्य होता है वही इन्हें पूजा भी जाता है कई ऐसे वृक्ष है,जिन्हें हमारे हिंदू धर्म में ईश्वर का निवास स्थान माना जाता है
वनों से हमे भवन निर्माण की सामग्री मिलती है औषधीय ,जड़ी बूटियां, गोंद,घास,तथा जानवरों का चारा भी वनों से ही प्राप्त होता है। वन तापमान को सामान्य बनाने में सहायक एवं भूमि को बंजर होने से रोकता है वनों से लकड़ी ,कागज,फर्नीचर, दवाईया,सभी के लिए हम वनों पर ही निर्भर है ।वन हमे दूषित वायु को ग्रहण करके शुद्ध एवं जीवन दायक वायु प्रदान करता है
उपसंहार
आज हमारे देशवासी वनों तथा वृक्षों की महत्ता को एक स्वर से स्वीकार कर रहे हैं वन महोत्सव हमारे राष्ट्र की अनिवार्य आवश्यकता है देश की समृद्धि में हमारे वृक्ष का भी महत्वपूर्ण योगदान है इसलिए इस राष्ट के हर नागरिक को अपने लिए और अपने राष्ट्र के लिए वृक्ष रोपण अवश्य करना चाहिए।
Nice post
ReplyDeleteवृक्षारोपण पर निबंध