पर्यावरण बचाओ पर निबंध- 1 save environment hindi essay , 200 words
एक भौगोलिक क्षेत्र या प्राकृतिक संसार जिसके अंतगर्त हवा और जल, पशु-पक्षी आदि आते है, जो कि मानवीय गतिविधियो द्वारा प्रभावित हो रहे हो उसे पर्यावरण कहते है। मानव जाति के शहरीकरण और औद्योगिकरण की घटना के कारण चिकित्सा, उद्योग और सामाजिक क्षेत्र में काफी तेज विकास हुआ है, जिससे की प्राकृतिक स्थान कंक्रीट के भवनो और सड़को में बदलते जा रहे है। हालांकि इन प्राकृतिक संसाधनो पर हमारी भोजन, पीने के पानी और कृषि की निर्भरता अभी भी बनी हुई है। प्रकृति के ऊपर हमारी निर्भरता इतने ज्यादे है कि अगर हमने इसके संसाधनो के रक्षा का प्रयास अभी से नही शुरु किया तो हमारा अस्तित्व भी खतरे में पड़ जायेगा।
इन प्राकृतिक संसाधनो को मुख्यतः दो श्रेणियों नवकरणीय और अनवकरणीय में बांटा जा सकता है। नवकरणीय प्राकृतिक संसाधन वह संसाधन है, जिनकी प्राकृतिक रुप से फिर से प्राप्ती की जा सकती हो, जैसे कि पानी, जंगल, फसले, इत्यादि। इसके विपरीत गैर-नवकरणीय संसाधन वह संसाधन है जिन्हे प्राकृतिक रुप से फिर से नही प्राप्त किया जा सकता जैसे कि तेल, खनिज आदि। इसके साथ ही यह एक संकट इसलिए भी बन गया है क्योंकि वर्तमान में इनका उपयोग भी बहुत तेजी के साथ किया जा रहा है।
इन सभी प्राकृतिक संसाधनो के तेजी से खत्म होने का मुख्य कारण तेजी से हो रही जनसंख्या वृद्धि और विशेष तथा कुलीन वर्गो में संसाधनो का बढ़ रहा उपभोग है। इसके वजह से मात्र वन्यजीवों और पेड़-पौधो की ही हानि नही हुई है, बल्कि की पूरे पर्यावरण पर संकट खड़ा हो गया है। इसलिए यह वह समय है जब हमें अपने प्राकृतिक संसाधनो का अंधाधुंध दुरुपयोग रोककर, इनका विकेकपूर्ण तरीके से उपयोग करने की आवश्यकता है। जिससे हम इन्हे अपने आने वाली पीढ़ीयो के लिए भी बचाकर रख सके और एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सके।
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