अंग दान पर भाषण – 3
सम्मानित प्राचार्य, उप-प्राचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्यारे छात्रों – आप सभी को मेरी ओर से सुप्रभात!
अंग दान पर अपने भाषण को शुरू करने से पहले मैं हमारे सम्मानित प्रधानाचार्य, उप-प्रधानाचार्य और निश्चित रूप से मेरे कक्षाध्यापक को अंग-दान विषय भाषण तैयार करने और आपको सभी को संबोधित करने का मौका देने के लिए धन्यवाद कहना चाहता हूं। तो मैं कक्षा बारहवीं-ब से अभिषेक अवस्थी अंग दान पर बात करना चाहूंगा। यह विषय आज के समय में बहुत प्रासंगिक है और कुछ ऐसा जिससे मैं व्यक्तिगत रूप से अपने आप को संबंधित कर सकता हूं।
हम जानते हैं कि हर साल इतने सारे लोगों की अंगों की अनुपलब्धता या उन्हें मिलने में अत्यधिक देरी, जिसके कारण रोगी को हालातों का सामना करना मुश्किल हो जाता है, जिस वजह से उनकी मृत्यु हो जाती है। ऐसा ही कुछ मेरे परिवार के सदस्यों में से एक के साथ भी हुआ है और उनकी मृत्यु गुर्दे के काम ना करने के कारण हो गई थी क्योंकि उन्हें समय पर गुर्दा नहीं मिल पाया था। इसके बाद जिस तरह से भी, मैं कर सकता था मैंने सोसाइटी की मदद करने का फैसला किया और मैंने अंग दान करने का फ़ैसला लिया ताकि जब मेरी मृत्यु हो जाए तो मेरे शरीर के अंगों का इस्तेमाल दूसरों के लिए किया जा सके जिससे वो खुलकर सांस ले सके।
प्रिय मित्रों अंग दान वास्तव में एक महान कार्य है जिसमें शल्य चिकित्सा के माध्यम से शरीर के अंगों को एक व्यक्ति से दूसरे में स्थानांतरित करना होता है। ज्यादातर मामलों में दाता अपने मरने के बाद शरीर के अंग दान करने का फैसला करता है। अंग दान करने का उद्देश्य बहुत स्पष्ट है यानी अंगों की आवश्यकता वाले किसी व्यक्ति की मदद करना। ऐसे कई उदाहरण हैं जब चिकित्सा परिस्थितियों के कारण कई लोग अपना महत्वपूर्ण शरीर का हिस्सा खो देते हैं। कई मामलों में अगर स्थानांतरित करने वाले अंग तुरंत बदले जा सकते हैं तो बदल दिया जाता है।
आजकल विभिन्न सरकारी संस्थान अंग-दान के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर अन्य लोगों के जीवन को बचाते हैं। वास्तव में हमारा धर्म हमें निःस्वार्थ कार्य करना सिखाता है और किसी व्यक्ति को अंग-दान कर उसकी जिंदगी बचाने से बेहतर और क्या हो सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार एक अंग या ऊतक दाता लगभग 50 व्यक्तियों के जीवन को बचा सकता है।
सच्चाई यह है कि अंग दान करने की हमारी कोशिश किसी के जीवन को खत्म होने से बचा सकती है और यह अंग दान से जुड़ी बहुत बड़ा सकरात्मक बिंदु है। यह बिल्कुल सही है कि किसी को जीवनदान देना वास्तव में सबसे बड़ा धार्मिक कार्य है जिसे आप कभी भी अपने जीवन में अमल में ला सकते हैं। अंग-दान किसी व्यक्ति के लिए किसी और के जीवन को बचाने का निःस्वार्थ कृत्य होता है। अंग-दान से प्राप्त भावना इतनी अच्छी होती है कि जब हम इस धरती पर मौजूद नहीं होंगे तो कोई व्यक्ति हमारी आंखों के माध्यम से दुनिया को देख सकेगा और कुछ विशिष्ट अंगों की सहायता से इस धरती पर नए जीवन के माध्यम से सांस ले सकेगा।
वर्तमान समय में किडनी दान को सबसे अधिक मांग की जाने वाली चीज़ों में से एक माना जाता है और साथ ही साथ इसकी सफलता दर भी ज्यादा होती है। तथ्य यह है कि एक व्यक्ति एक गुर्दे की मदद से भी अपना जीवन जी सकता है और अधिक से अधिक किडनी दाताओं को आगे बढ़ने और इस महान कार्य का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। शरीर अंग का दान न केवल रोगी का समर्थन करता है बल्कि यह अंग प्राप्तकर्ता के परिवार की भी सहायता करता है जो अपने अस्तित्व के लिए अंग प्राप्त करने वाले रोगी पर निर्भर है। इस प्रकार यह न केवल रोगी बल्कि उसके परिवार के सदस्यों को भी जीवन का एक नया आयाम देता है। मुझे यह सब ही कहना है! मुझे बस यही कहना था।
धैर्य के साथ मेरी बात सुनने के लिए धन्यवाद!
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