आदरणीय अध्यापक, अध्यापिका और मेरे प्यारे मित्रों को सुबह की नमस्ते। हम सभी यहाँ पर इस कार्यक्रम को मनाने के लिए एकत्र हुए हैं, इसलिए मैं आज बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना पर भाषण देना चाहता/चाहती हूँ। ये कार्यक्रम मोदी सरकार द्वारा पूरे देश में बेटियों की रक्षा और सुरक्षा के सन्दर्भ में शुरु किया गया है। ये योजना आज के समय की तत्कालीन जरुरत थी क्योंकि देश में महिलाओं की रक्षा और सशक्तिकरण के बिना, विकास किसी भी कीमत पर संभव नहीं है। महिलाएं देश की लगभग आधी जनसंख्या को अधिकृत करती है इसलिए वो देश की आधी शक्ति है। यही कारण है कि, उन्हें आगे बढ़ने और भारत के विकास में योगदान के लिए समान अधिकार, सुविधाओं और अवसरों की आवश्यकता है।
ये योजना माता-पिता पर बिना किसी बोझ के, भविष्य में लड़कियों की रक्षा, सुरक्षा और बेहतर शिक्षा के सन्दर्भ में है। इस अभियान का समर्थन करने के लिए, भारत की सरकार ने एक अन्य कार्यक्रम चलाया है जिसका नाम सुकन्या समृद्धि योजना है। ये योजना बेटी की किशोरावस्था में माता-पिता के बोझ को कम करने में शामिल है। क्योंकि, इस योजना के अनुसार, माता-पिता को कुछ धन मासिक आधार पर बैंक में जमा करना पड़ता है जिसके लिए उन्हें भविष्य में लड़की की किशोरावस्था में शिक्षा या शादी के समय पर लाभ मिलेगा। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के रूप में सरकार का इस तरह का महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण निश्चित रूप से भारत में महिलाओं की स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन लयेगा। ये सरकार द्वारा पूरे योजनाबद्ध उद्देश्यों, रणनीतियों और कार्ययोजनाओं को वास्तव में प्रभावशाली बनाने के लिए शुरु किया गया है।
यह दलित लड़कियों के जीवन को बचाने और उन्हें उच्च शिक्षा के अवसर देने के लिए है जिससे कि उनका सशक्तिकरण और सभी कार्यक्षेत्रों में भागीदारी को सुनिश्चित किया जा सके। इस योजना के अनुसार, लगभग 100 जिलों (जिनका सी.एस.आर. कम है) को, सबसे पहले कार्यवाही करने के लिए चुना गया है। ये योजना समाज में लैंगिक भेदभाव के बारे में जागरुकता का निर्माण करके बेटियों के कल्याण में सुधार के लिए है। भारतीय मुद्रा की बहुत बड़ी राशि का प्रस्ताव नगरों और देश के बड़े शहरों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए पारित कर दिया गया है। ये योजना केवल सहयोग कर सकती है, हांलाकि, बेटियों की समस्याओं को पूरी तरह से हल नहीं कर सकती, इसके लिए सभी भारतीयों के सहयोग की आवश्यकता है। लड़कियों के खिलाफ अपराधों को कम करने वाले नियमों और कानूनों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिये और हिंसा के लिए भी कड़ा दंड दिया जाना चाहिये।
धन्यवाद।
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