राष्ट्रीय एकता पर स्पीच – 3 national unity par speech
नमस्कार।
इस अवसर का हिस्सा बनने के लिए अपना कीमती समय निकाल कर यहाँ उपस्थित होने के लिए आप सभी का धन्यवाद। यह मेरा सौभाग्य है जो आप जैसे उत्साही और बुद्धिमान दर्शकों को संबोधित करने का विशेषाधिकार मुझे मिला है।
आज मैं राष्ट्र के अस्तित्व और प्रगति के लिए 'राष्ट्रीय एकता' या 'राष्ट्रीय अखण्डता' हेतु आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं।
आम आदमी के रूप में 'एकीकरण' शब्द से हम समझते हैं कि यह विविध या भिन्न चीजों का मिश्रण है। तो 'राष्ट्रीय एकीकरण' का क्या मतलब हुआ? इसका मतलब है: यह विभिन्न धर्मों, क्षेत्रों और जातीय पृष्ठभूमि के अनुयायीओं के बीच एकता की भावना है।
इस प्रकार राष्ट्रीय एकता एक राष्ट्र की विविध संस्कृतियों और परंपराओं का मेल-जोल है। यह एक सकारात्मक पहलू है जो देश के लोगों या नागरिकों के बीच अंतर के साथ-साथ असमानताओं पर निर्भर रहती है।
राष्ट्रीय एकीकरण या देश की एकता को इस प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो एक सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से विविध समूहों को एक क्षेत्रीय इकाई में एक साथ लाती हो और एक राष्ट्रीय पहचान स्थापित करती है।
एक राष्ट्र के लिए समृद्ध और विकसित होने से अधिक महत्वपूर्ण यह है कि वह भीतर से एकीकृत हो। यह किसी भी देश के लिए अपने राष्ट्रीय एकीकरण को संरक्षित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। एक राष्ट्र के नागरिकों के बीच एकता की भावना इसकी समग्र स्थिरता और विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम सभी को यह समझना चाहिए कि अलग-अलग प्रयासों कि बजाए सामूहिक रूप से उठाए कदम अधिक प्रभावशाली होते हैं। लोगों को यह महसूस करना चाहिए कि उन्हें देश के भीतर एकता के साथ रहना और राष्ट्रीय पहचान को एकजुट करने वाली शक्ति बनना चाहिए।
राष्ट्रीय एकता एक भावना है जो विशेष रूप से लोगों को धर्म, जातियों, सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि या भाषाओं के संदर्भ में मतभेद होने के बावजूद राष्ट्र की पहचान के बंधन में बांधती है।
किसी भी देश को अपनी एकता के रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं से निपटने में सक्षम होना चाहिए। ये बाधाएं बहुत आम हैं। हमने समय-समय पर इतने सारे जातिवाद, धार्मिक और भाषाई दंगों को देखा है। इन मुद्दों से देश कमजोर दिखाई पड़ता है और इस तरह भारत विरोधी शक्तियों को हमारे राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने के लिए संकेत मिल सकता है जिसे हमें कभी भी खुद पर हावी होने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
देश के नागरिकों को एक समग्र रूप में संश्लेषित किया जाना चाहिए, उन्हें सद्भाव के साथ रहना चाहिए और उन्हें अपनी पहचान एक इकाई के रूप में सुनिश्चित करनी चाहिए। यह लक्षण देश की सकारात्मक चेतना और पहचान बनाने में मदद करते हैं। इस कार्य में हम सभी को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
मैं एक नागरिक के रूप में समझता हूं कि हर व्यक्ति को राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाने के लिए अपना योगदान देना चाहिए। यदि हम अपने विचारों पर ध्यान देते हैं और अपने कार्यों की दिशा में हर दूसरे व्यक्ति की स्वीकृति की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं तो हम हमेशा हमारे देश की विभिन्न मान्यताओं, संस्कृतियों, जातियों और परंपराओं के एकीकरण की दिशा में योगदानकर्ता बनेंगे। हमारे विचार हमें बनाते हैं और तोड़ते हैं। एकता का हमारा विचार हमें एक साथ चीजें पाने में सक्षम बनाता है और एक इकाई में विशाल मतभेदों के विस्मरण को सुनिश्चित करता है।
कृपया खुद में सकारात्मक विचारों को प्रोत्साहित करें और हमारे राष्ट्र के विभिन्न पहलुओं के एकीकरण का समर्थन करें और 'राष्ट्रीय एकता' को बढ़ावा देने में सहायता करें।
धन्यवाद।
0 comments:
Post a Comment