माँ पर भाषण - 2
आप सभी को सुप्रभात!
आप सभी का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है! आशा है कि आप सभी अच्छे हैं और इस अवसर पर अपना कीमती समय देकर संतुष्ट होंगे।
आज हम सभी यहां हमारे जीवन में सबसे सुंदर और अद्भुत व्यक्तित्व "माँ" के बारे में बात करने के लिए इकट्ठे हुए हैं। धरती पर सबसे सुंदर आत्मा के लिए अलग-अलग भाषाओँ में बोले जाने वाला यह शब्द एक समान लगने के साथ-साथ प्यार की अभिव्यक्तियां भी पैदा करता है। माँ वह है जो अपने बच्चे के लिए भगवान से कम नहीं है। शायद भगवान की भौतिक उपस्थिति हर जगह संभव नहीं थी जिसके कारण उन्होंने " माँ " नामक मूर्ति बनाई। माँ वह इंसान है जो एक साथ कई कार्य करना जानती है। चाहे जो काम उसे दिया जाए वह हमेशा सही समय पर सही तरीके से उस काम को ख़त्म करना जानती है। पैसा कमाने से लेकर खाना पकाने तक और हमारे दोषों के लिए हमें डांटने से लेकर हमें लाड़ प्यार करने तक वह अपने किरदार को बेहद प्यार और स्नेह के साथ निभाती है।
हमारी मां हमारे अस्तित्व का निर्माता है। माँ वह है जिसने हमें महसूस कराया है कि वास्तव में जीवन क्या है? उसने हमें जीवन देने के साथ हमारे अन्दर कई गुणों को भी जन्म दिया है। है न?
मेरा मानना है कि वह एक धागा है जो पूरे परिवार को एक साथ जोड़ती है, वह हमें प्रेरित करती है और हमारी ताकत को बढ़ाती है और आज जैसे भी हम हैं वह हमें इस दुनिया का सम्मान, आत्मविश्वास और शक्ति के साथ सामना करने में सक्षम बनाती है।
माँ वह है जो हमारे जीवन की नीवं डालती है, जो हमें शारीरिक और मानसिक रूप से दोनों से सक्षम बनाती है और हमें दुनिया का सामना करने के लिए शक्ति देती है। वह पहला व्यक्ति है जिसे हम अपने सुख और दुःख के समय में याद करते हैं। वह पहला व्यक्ति है जो हमारे दिमाग में आता है जब हम अस्वस्थ होते हैं, जब हम उदास होते हैं, जब हम कुछ हासिल करने में सक्षम नहीं होते हैं या जब हम सफलता की महानतम ऊंचाई तक पहुंच जाते हैं।
आइए हम खुद से पूछें क्या वह वो इंसान नहीं है जिसका विचार हमारे मन में सबसे पहले आता है जब हम किसी स्थिति से डरते हैं या हमारे बिस्तर पर बीमार पड़ जाते हैं। जी हाँ! वह वही है। हर रोज़ सुबह उठने के बाद हमारा दोपहर का भोजन को पैक करने तक, दोपहर के भोजन के खाने के समय तक यह पुष्टि करने के लिए कि हमारा दोपहर का भोजन बना है या नहीं यह हमारी माँ ही है जो हमारा ध्यान रखती है, जो हमारी भलाई देखती है। मैं सभी माताओं को अपने अस्तित्व के लिए धन्यवाद करता हूं, क्योंकि उनके कारण ही आज हम यहाँ हैं।
किसी ने सही ही कहा है, "हर सफल व्यक्ति के पीछे, एक महिला का हाथ होता है"। मैं इस उदाहरण का समर्थन करता हूं और कहना चाहता हूँ कि यह महिला 'माँ' के अलावा अन्य कोई हो ही नहीं सकती। माँ वह है जिसकी प्रार्थनाएं सिर्फ अपने बच्चों के लिए ही होती हैं क्योंकि यह केवल माँ ही है जो पूरी दुनिया को अपने अन्दर समाए रखती है और अपने गर्भ में एक पूर्ण जीवन का पोषण गहन प्रेम और देखभाल के साथ करती है।
अपनी स्पीच का निष्कर्ष निकालते हुए मैं यही कहना चाहूंगा कि आप सभी अपनी माँ के साथ प्यार और सम्मान के साथ पेश आएं। हमेशा उसके आभारी रहें क्योंकि आप यह जीवन केवल अपनी माँ की वजह से जी रहे हैं। हम में से हर एक की जिम्मेदारी है कि हम अपनी माँ का सम्मान और देखरेख करें। आप इसे अपना प्यार या बलिदान कह सकते हैं लेकिन यह केवल माँ ही है जिसने हमारे अस्तित्व को सार्थक बना दिया है।
मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ माँ!
धन्यवाद !
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