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Thursday, May 16, 2019

स्वास्थ्य ही धन है पर भाषण 3, swashtya hi dhan hai

May 16, 2019

स्वास्थ्य ही धन है पर भाषण 3, swashtya hi dhan hai

मेरे आदरणीय अध्यापकों और प्यारे मित्रों को सुप्रभात। आज इस शुभ अवसर पर, मैं ‘स्वास्थ्य ही धन है’ विषय पर अपने विचार रखना चाहता/चाहती हूँ। जैसाकि हम सभी जानते हैं कि, अच्छा स्वास्थ्य वास्तव में हमारे लिए एक वरदान और सुखी जीवन का गहना है। यदि किसी ने एकबार अपने स्वास्थ्य को खो दिया तो इसे वापस धन के द्वारा नहीं पाया जा सकता। यह वो विषय है जिसके बारे में, यह कहावत हमें बताती है। अनुशासित जीवन शैली, नियमित व्यायाम, आम और स्वस्थ भोजन, सकारात्मक विचार, व्यक्तिगत स्वच्छता और साफ-सफाई के माध्यम से स्वस्थ जीवन को बनाए रखना बहुत आसान है। स्वस्थ व्यक्ति को दवाओं और डॉक्टर के पास चक्कर लगाने की जरुरत नहीं पड़ती। यद्यपि, एक अस्वस्थ व्यक्ति को बीमारियों को खत्म करने के लिए दवाओं पर धन खर्च करना पड़ता है।
एक अच्छा स्वास्थ्य रोगों और बीमारियों से आजादी है और यह एक व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक और सामाजिक भलाई की भावना है। यदि कोई अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखता है तो वह वास्तव में, पूरे जीवन के लिए सबसे कीमती उपहार को पाता है। जीवन के सभी आयामों जैसे – शारीरिक, मानसिक और सामाजिक आदि में स्वस्थ रहना बहुत आवश्यक है। केवल एक स्वस्थ व्यक्ति ही जीवन के आनंद को लेने में सक्षम होता है। एक धनी होकर, सुखी जीवन जीना महत्वपूर्ण नहीं है हालांकि, स्वस्थ रहना बहुत ही आवश्यक है। एक अच्छा स्वास्थ्य सभी के द्वारा नियमित प्रयासों के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। बुरी आदतों के बारे में उचित जागरुकता भी शरीर को रोगों से दूर रखने के लिए बहुत आवश्यक है।
अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए, हमें सुबह से लेकर शाम तक अनुशासित जीवन जीने का अभ्यास करना होगा। हमें सुबह को जल्दी उठना चाहिए, सुबह की सैर पर जाना या कुछ व्यायाम करना चाहिए, ताजी हवा में साँस लेना चाहिए, उचित स्वच्छता बनाए रखने के साथ ही समय पर भोजन करना चाहिए। स्वंय को खुश और स्वस्थ बनाए रखने के लिए हसना भी एक सबसे अच्छा माध्यम है। यह गुस्से और डर पर काबू पाकर खुश रहने में मदद करता है और किसी को भी जीवन का पूरा आनंद लेने में सक्षम बनाता है।
धन्यवाद।

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