सभी को सुबह की नमस्ते। मेरा नाम................है। मैं कक्षा.........पढ़ता/पढ़ती हूँ। मैं यहाँ इस अवसर पर, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना पर भाषण देना चाहता/चाहती हूँ। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना लड़कियों के जीवन को बचाने और उन्हें पढ़ाने के लिए पूरे भारत में चलाया जाने वाला अभियान है। ये भारत की सरकार द्वारा भारत में जागरुकता फैलाने के साथ-साथ लड़कियों की कल्याण सेवाओं की क्षमता में सुधार लाने के लिए चलायी जाने वाली योजना है। भारत के प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी, ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के अन्तर्गत सुकन्या समृद्धि योजना (21 जनवरी 2015) को शुरु किया था। सुकन्या समृद्धि योजना इस अभियान का समर्थन करने के साथ ही बेटी पर आवश्यक खर्चों जैसे: स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा और शादी आदि को सफलता पूर्वक पूरा करने के लिए शुरु की गई थी।
बेटियों के जीवन के लिए ये योजना एक अच्छी शुरुआत है क्योंकि ये भारत की सरकार के कुछ प्रभावशाली प्रयासों को शामिल करती है। ये अभी तक की सर्वश्रेष्ठ योजना है क्योंकि ये वार्षिक आधार पर इस छोटे से निवेश के माध्यम से माता-पिता की परेशानियों को कम करने के साथ ही वर्तमान और भविष्य में जन्म लेने वाली लड़कियों के जीवन को बचाती है। ये परियोजना 100 करोड़ की प्रारम्भिक राशि के साथ शुरु हुई है। गृह मंत्रालय ने इस योजना के अन्तर्गत बड़े शहरों में भी महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए 150 करोड़ रुपये खर्च करने की सूचना दी है। इस योजना का निर्माण और प्रारंभ बेटियों से संबंधित कुछ भयकंर सामाजिक मुद्दों के स्तर और प्रभाव को कम करने के लिए किया गया है।
1991 की जनगणना के अनुसार, भारत में लड़कियों की संख्या (0-6 आयु वर्ग की) 1000 लड़कों पर 945 थी। 2001 की जनगणना के दौरान ये घटकर 1000 लड़कों पर 927 लड़कियाँ और 2011 में 1000 लड़कों पर 918 लड़कियाँ हो गई थी। इस सन्दर्भ में, भारत को 2012 में, यूनीसेफ द्वारा 195 देशों में से 41वाँ स्थान दिया गया था। लड़कियों की संख्या में इतनी बड़ी गिरावट देश में महिला सशक्तिकरण की कमी का सूचक है। लड़कियों की संख्या में भारी कमी के मुख्य कारण जन्म से पूर्व भेदभाव, चयनात्मक लिंग आधारित परीक्षण, लैंगिक असमानता, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार आदि सामाजिक मुद्दे हैं।
इस योजना को शुरु करने पर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से कन्या भ्रूण हत्या का उन्मूलन करने और बेटियों की भलाई के लिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना का अनुसरण करने को कहा। ये कार्यक्रम पी.एम. मोदी द्वारा 22 जनवरी 2015 को शुरु किया गया था। ये सर्वप्रथम पानीपत, हरियाणा में शुरु किया गया था। देश में लड़कियों की निरंतर कम होती लैंगिक प्रवृति ने इस कार्यक्रम को शुरु करना बहुत आवश्यक बना दिया था। इस योजना के उद्देश्य हैं:
- बेटियों के जीवन की रक्षा, सुरक्षा और उच्च शिक्षा को सुनिश्चित करना।
- उच्च शिक्षा और सभी कार्यक्षेत्रों में समान भागीदारी के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को सुनिश्चित करना।
- लिंग आधारित चयनात्मक परीक्षण का उन्मूलन करके बेटियों की रक्षा करना।
- पूरे भारत में कन्याओं के स्तर को ऊँचा उठाना, विशेषतः 100 प्रमुख चुने गए जिलों में (जिनकी सी.एस.आर. कम है)।
- लड़कियों के कल्याण के लिए एक साथ काम करने के लिए स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय, महिला एंव बाल विकास मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय को एक साथ लाना।
सभी को धन्यवाद।
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