अपने मित्र को बाढ़ के कारण हुए नुकसान पर सहानुभूति प्रकट करते हुए पत्र लिखिए।
एम-56,
रामनगर,
हिसार ।
रामनगर,
हिसार ।
दिनांक 15 जून, 20XX
प्रिय सुरेंद्र ,
स्नेहिल नमन।
स्नेहिल नमन।
मित्र मुझे कल तुम्हारा पत्र मिला। पत्र में तुमने बीते दिनों तुम्हारे गाँव में आई बाढ़ का जिक्र करते हुए लिखा हैं कि इससे तुम्हारे घर को काफी नुकसान पहुँचा हैं। घर का ढेर सारा सामान बाढ़ की भेंट चढ़ गया हैं।
निःसन्देह यह तुम्हारे लिए एक दुःखद घटना हैं। मुझे भी इस बात का दुःख हैं। किन्तु प्रकृति के आगे किसका वश चलता हैं। तुम हिम्मत मत हारना। भगवान की कृपा से सब पहले की तरह ठीक हो जाएगा।
मैं तुम्हारी हर सम्भव मदद करने के लिए तैयार हूँ, मुझसे जो भी बन सकेगा, अवश्य करूँगा। मेरी पूर्ण सहानुभूति तुम्हारे और तुम्हारे परिवार के साथ हैं।
तुम्हारा मित्र,
राजेश शर्मा
राजेश शर्मा
Nice! I loved.....
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