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Friday, November 9, 2018

गणेश चतुर्थी पर निबंध essay on ganesh chaturthi in hindi (600 words)

November 09, 2018

 

गणेश चतुर्थी का दिन विनायक चतुर्थी या विनायक चौथ के नाम से भी जाना जाता है, यह दिन भगवान गणेश को समर्पित है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार यह दिन मंगलमूर्ति और विघ्नहर्ता भगवान गणेश का जन्म दिवस है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह त्योहार भाद्र माह में आता है  यह त्योहार हर वर्ष अगस्त या सितंबर महिने में आता है। यह पर्व गणेश चतुर्थी के दिन से शुरु होकर पूरे दस दिन तक बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। त्योहार के आखिरी दिन यानि अनंत चतुर्दशी को भगवान गणेश को विदा करते हुए, उनके मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है और अगले वर्ष फिर से आने की मंगलकामना की जाती है।
गणेश चतुर्थी के तथ्य
गणेश चतुर्थी जिसे विनायक चतुर्थी या विनायक चौथ के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रुप में मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह त्योहार भाद्र महिने में मनाया जाता है, यह त्योहार गणेश चतुर्थी से शुरु होकर 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी पर समाप्त होता है।
यह त्योहार भारत के साथ ही नेपाल, मॉरीशस जैसे अन्य कई देशो में भी मनाया जाता है। भारत में  मुख्यतः महाराष्ट्र, गोवा, केरल, तमिलनाडु आदि प्रदेशो में यह त्योहार बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता। वैसे तो इस विषय में कुछ खास ज्ञात नही है कि इस त्योहार की शुरुआत कब और कैसे हुई थी, पर कुछ ऐतिहासिक तथ्यों का विश्लेषण करने से पता चलता है कि महान शासक छत्रपति शिवा जी महाराज के शासन काल में इस त्योहार को काफी महत्व मिला था और इसे हिंदू धर्म तथा संस्कृति के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक रुप से काफी जोर-शोर के साथ मनाया जाता था।
इसके पश्चात भारत में अंग्रेजी शासन के दौरान सार्वजनिक स्थलों पर त्योहार मनाने को लेकर कई तरह की पाबंदिया लगा दी गई थी। यह वह दौर था जब कई महान स्वतंत्रता सेनानी ब्रिटिश शासन के विरोध में एकजुट थे। यह 1893 का समय था, जब इन्ही महान क्रांतिकारीयों में से एक बाल गंगाधर तिलक ने गणेश चतुर्थी के त्योहार को पुनर्जीवित किया और इसे निजी घरेलु समारोह के जगह एक भव्य सामाजिक तथा सार्वजनिक आयोजन का रुप दिया, जिसने 1857 की क्रांति के बाद एक बार फिर से देश में लोगो के बीच सामाजिक एकता को बढ़ाने का कार्य किया।
गणेश चतुर्थी का महत्व
गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों मे से एक है और पुरे भारत भर में इसे काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है और इस त्योहार के दौरान हर तरफ सिर्फ गणपति बप्पा मोरिया का जयकारा सुनने को मिलता है। इस त्योहार की शुरुआत घरो की साफ-सफाई और सजावट के साथ शुरु होती है। एक प्रकार से देखा जाये तो इसकी शुरुआत महीनों पहले से ही शुरु हो जाती है, जिसमें कलाकारों द्वारा प्रतिमाओं का निर्माण किया जाता है और सामान्य लोगो द्वारा घरो तथा पंडालो को सजाने की तैयारी की जाती है।
इस त्योहार को महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश में काफी भव्य तरीके से मनाया जाता है। यह त्योहार इस लिए भी काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रुप में मनाया जाता है, जोकि ज्ञान और मंगल कार्यों के देवता हैं। ऐसा माना जाता है कि इस त्योहार पर गणपति स्थापना के साथ भगवान गणेश अपने भक्तों के लिए सौभाग्य लाते हैं और जाते-जाते इन दस दिनो में उनके सभी दुखो और विघ्नों को दूर कर देते हैं।
निष्कर्ष
हर त्योहार की तरह गणेश चतुर्थी का भी अपना महत्व है, यह वह दिन है जो सामाजिक एकता तथा सौहार्द को बढ़ाता है। क्योंकि भगवान गणेश को ज्ञान और विघ्नों को दूर करने वाला देवता माना गया है। इसलिए गणेश चतुर्थी पर्व को पर्यावरण के अनुकूल रुप से मनाने का महत्व और भी बढ़ जाता है।


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