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Wednesday, November 14, 2018

काला धन: समस्या एवं समाधान Kala Dhan : Samasya evm Samadhan(410 words)

November 14, 2018
जिस रूपये को हम काले धन के नाम से पुकारते हैं, उसकी आत्मा तथा मन दोनों ही काला है। सरकारी टैक्स से बचने के लिए इसे अत्यन्त गुप्त एवं गोपनीय रखा जाता है और साथ ही विधिवत या लिखित रूप में भी इसका कोई हिसाब-किताब नहीं होता है। काले धन की वजह देश की प्रगति एवं अर्थव्यवस्था दिनोंदिन अवनति की ओर बढ़ती जाएगी।
                 एक अर्थशास्त्री के अनुसार हमारा आधा आर्थिक व्यापार काले धन के बल पर ही चलता है।  हमारे आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक जीवन पर इस काले धन ने बहुत ही अनिष्टकारी प्रभाव डाला है। इसका सबसे भयानक दुष्परिणाम यह है कि इसके कारण सरकार की तमाम नीतियां निष्फल जा रही हैं।
                अगर किसी ने सफेद धन कमा लिया तो उसका एक बड़ा भाग करों के द्वारा छीन लिया जाता है। सफेद धन को परिश्रम से कमाया जाता है। उसका अधिकांश भाग करों और आज के बढ़े हुए मूल्यों के कारण हाथ से निकल जाता है और बचत के नाम पर कुछ नहीं बचता है। इसके विपरीत काला धन आसानी से कमाया जाता है और इसे आसानी से छिपा भी लिया जाता है और उस पर कर चुकाने को प्रश्न ही नहीं उठता। 
                काले धन से एक और अनिष्टकारी प्रभाव पड़ रहा है। समाज का अधिकांश आर्थिक कारोबार सरकार की आंखों से छिपाकर किया जाता है और सरकार को बचे-खुचे संकुचित क्षेत्र पर अपना नियंत्रण रखकर करना पड़ता है। हमारा सामाजिक जीवन भी इस काले धन से खोखला होता जा रहा है। जिन सामाजिक गुणो से हमें पे्ररणा लेनी चाहिए, वे गुण नष्ट होते जा रहे हैं और जिन असामाजिक तत्वों की रोकथाम होनी चाहिए, वे ’दिन दूना राज चैगुना’ करते जा रहे है। 
                ’काले धन’ के चंगुल से देश को मुक्त कराने के लिए सरकार को युद्ध-स्तर पर प्रयास करना चाहिए। वर्तमान सरकार इस संदर्भ में जो कदम उठा रही है उसकी भी सराहना होनी चाहिए। आज की तिथि में ज्यादातर काला धन देश के कई नेताओ , अभिनेताओं और कई बड़ी व्यापारियों के पास है। भारत देश कब से प्रतीक्षा में है के काळा धन के विरुद्ध कोई ठोस कानून  न्याय प्रणाली में आये और देश को भस्टाचार और काले धन से मुक्ति मिले।      
            
 काला रखने वालो के खिलाफ धन  देशद्रोह की धाराओं के तहत मुक़दम्मा दर्ज किया जाना चाहिए। इसके साथ ही हर आम आदमी को भी पूर्ण जिम्मेदारी के साथ अपने आसपास के व्यक्ति जो अपनी आय से अधिक धन रखते उनकी सुचना आयकर विभाग को देकर अपनी जिम्मेदारी निभाए।  तभी देश में नया जोश, नई शक्ति, नवीन भावनाएं जाग्रत होंगी, तभी नव भारत का निर्माण होगा।

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