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Thursday, November 15, 2018

यदि मैं शिक्षामंत्री होता/ शिक्षा प्रणाली में सुधार के सुझाव hindi essay 190 words

November 15, 2018
विद्यार्थी किसी भी देश का भविष्य  होते है। यदि में शिक्षा मंत्री होता तो अपने देश के सभी विद्यार्थियों के हितो को सर्वोपरि कर देता।
सबसे पहले में शिक्षा का व्यापारीकरण करने वाले सभी नियम बंद  देता। 
मै खस्ता हाल सरकारी स्कूल की स्थिति में सुधार के लिए हमेशा अग्रसर रहता। 
में हर स्कूल में एक सुझाव पेटी  रखवाकर विद्यार्थियों से सुझाव मांगता ताकि स्कूल और विद्यार्थियों का विकास हो सके। 
में  प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से वसूली जा रही फीस पर नियंत्रण करता। 
प्राइवेट स्कूल के अध्यापको को भी सरकारी अधयपको की तरह ही सुविधा और वेतन दिलवाने के लिए कानून बनाता। 
शिक्षा मंत्री बनने पर में विद्यार्थियों को हर साल नयी पुस्तके खरीदने के लिए विवश नहीं करता बल्कि पुराने विद्यार्थियों की पुस्तके लाइब्रेरी में जमा कर के उन्हें अगले साल नए विद्यार्थियों को देता।  
आज के अध्यापकों द्वारा विद्द्यालयों में ठीक से न पढ़ाने और ट्यूशन को बढ़ावा देने के विरुद्ध मैं कठोर कदम उठाऊंगा।
 में स्कूलों में देशभक्ति की शिक्षा का विषय अनिवार्य करावा देता जिससे बड़े होने पर विद्यार्थी धर्म या जाती से उठकर देश के हित में मिलकर कार्य कर सके। 
 मैं जनता हूँ कि शिक्षा में सुधर में मेरी उपर्युक्त योजनाए साकार करना, अत्यधिक कठिन है पर ‘जहाँ चाह वहाँ रहा’। यदि किसी बात को मन में ठान लिए जाये, तो उसे प्राप्त करना असंभव नहीं होता। ईश्वर से यही प्रार्थना है कि एक बार मुझे शिक्षा मंत्री बनने का सुअवसर प्रदान करें तथा मेरी योजनाओं को सफल करने में सहायक हों।

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