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Tuesday, November 13, 2018

‘भ्रष्टाचार corruption in india essay in hindi 190 words

November 13, 2018
‘भ्रष्टाचार’ शब्द दो शब्दों के मेल से बना है –‘भ्रष्ट + आचार’ अर्थात ऐसा व्यवहार जो भ्रष्ट हो, जो समाज के लिए हानिप्रद हो। भ्रष्टाचार के मूल में मानव की स्वार्थ तथा लोभ वृति है।  वर्तमान युग में हर व्यक्ति जरुरत से अधिक संसाधन जमा करने के लिए अपने नैतिक मूल्यों से आसानी से समझौता कर रहा है। 
 आज भ्रष्टाचार न केवल सरकारी तंत्र के हर हिस्से में फ़ैल चूका है बल्कि प्रत्येक  नागरिक भी इसको बढ़ावा देने में बराबर का जिम्मेदार है।
 आज देश के बड़े बड़े नेता ही धोटालों में लिप्त है।  


आज देश में हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार है ,कोई भी अपराध हो जाए, भ्रष्टाचारी रिश्वत देकर छूट जाता है। अनेकों बार तो उच्च अधिकारियों के सरंक्षण में ही भ्रष्टाचार पनपता है।

भ्रष्टाचार को किस प्रकार दूर किया जाए यह गंभीर प्रशन है। यदि पचास – सौ भ्रष्टाचारियों को कड़ी सजा मिल जाए, तो इससे भयभीत होकर अन्य लोग भी भ्रष्ट आचरण करते समय भयभीत रहेंगे। भ्रष्टाचार की समाप्ति के लिए युवा पीढ़ी को आगे आना होगा और एक भ्रष्टाचारमुक्त समाज का निर्माण करने के लिए कृतसंकल्प होना पड़ेगा।

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