Searching...
Sunday, November 11, 2018

रक्षाबंधन पर निबंध-Essay On Raksha Bandhan In Hindi 600 words

November 11, 2018
भारत त्यौहारों का देश है यहाँ पर अलग-अलग तरह के त्यौहार मनाये जाते हैं। रक्षाबंधन भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। रक्षाबंधन को राखी भी कहते हैं। रक्षाबंधन भाई-बहन का त्यौहार होता है। यह हिन्दुओं का मुख्य त्यौहार होता है लेकिन सभी धर्मों के लोग बहुत उत्साह से मनाते हैं।
भाई-बहन का प्यार : रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक होता है। इस दिन बहन अपने भाई को राखी बांधते समय अपने भाई के सुखमय जीवन की कामना करती है। इस दिन भाई अपनी बहन को हर प्रकार की मुसीबत से बचाने का वचन देता है। इस दिन राखी बाँधने की परम्परा की वजह से भाई-बहन के बीच के सभी मनमुटाव दूर होते हैं और उनके बीच प्रेम बढ़ जाता है। वैसे तो भाई-बहन का प्यार एक दिन का मोहताज नहीं होता है। लेकिन रक्षाबंधन के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की वजह से ही यह दिन इतना महत्वपूर्ण बन गया है। सालों से चला आ रहा यह त्यौहार आज भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। 
रक्षाबंधन का महत्व :- रक्षाबंधन पर राखी बांधी जाती है जिसे हम दोस्ती का धागा भी कहते हैं। रक्षाबंधन एक रक्षा का रिश्ता होता है जहाँ पर बहन भाई की रक्षा करती है। इस दिन सारी बहने अपने भाइयों को राखी बांधती हैं और वादा करती हैं कि वे उनकी रक्षा करेंगी और वे उनकी रक्षा करेंगे।
रक्षाबंधन का ऐतिहासिक महत्व :- रक्षाबंधन का इतिहास हिन्दू पुराण कथाओं में मिल जाता है। वामनावतार नाम की पौराणिक कथा में रक्षाबंधन का पूरा प्रसंग मिल जाता है। 
जिस दिन लक्ष्मी जी ने राजा बलि को अपना भाई बनाया था उस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा की तिथि थी। इसी तरह से मवाद की महारानी ने मुगल राजा हुमायु को राखी भेजकर रक्षा की याचना की थी और हुमायु ने मुसलमान होते हुए भी राखी की लाज रखी थी। उसी तरह से सिकन्दर की पत्नी ने अपने पति के शत्रु को राखी बांधकर अपना भाई बनाया था और अपने पति की जिंदगी उपहार स्वरूप मांगी थी।
इसी वजह से पुरु के युद्ध के दौरान सिकन्दर को जीवनदान देकर राखी और अपनी बहन के वचन की लाज रखी थी। 
 महाभारत में भी रक्षाबंधन का उल्लेख दिया गया है। जब युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण से पूछा था कि मैं सारी बाधाओं को कैसे पर कर सकता हूँ तब भगवान श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर और उनकी सेना की रक्षा करने के लिए रक्षाबंधन का त्यौहार मनाने की सलाह दी थी।
जब शिशुपाल का वध करते समय श्री कृष्ण की तर्जनी में चोट लग गई थी और खून भ रहा था तो द्रोपदी ने खून रोकने के लिए अपने साड़ी से चीर फाडकर इनकी ऊँगली पर बांधी थी उस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा का दिन था। जब द्रोपदी का चीरहरण हुआ था तो श्री कृष्ण ने उनकी लाज बचाकर अपने इस कर्ज को उतारा था। रक्षाबंधन के त्यौहार में परस्पर एक-दूसरे की रक्षा और और सहयोग की भावना होती है
इस दिन बहन अपने भाई के दाहिने हाथ में राखी बांधती हैं और चन्दन और कुमकुम का तिलक लगाती हैं। तिलक लगाने के बाद बहनें भाई की आरती उतारती हैं और फिर उसे मिठाई खिलाती हैं। राखी बंधवाने के बाद भाई अपनी बहन को एक तोफा देता हैं।
 अगर किसी तरह से बहन अपने भाई को राखी नहीं बाँध पाती है तो वह डाक के शेयर से राखी भेजती है। इस दिन घर में कई तरह की मिठाईयां मंगवाई जाती हैं। इस दिन कई तरह के पकवानों और मिठाईयों के बीच घेवर खाने का अपना ही मजा होता है।
उपसंहार : आज के समय में यह त्यौहार हमारी संस्कृति की पहचान बन चुका है और हमारे भारत के वासियों को इस त्यौहार पर बहुत गर्व है। 

0 comments:

Post a Comment