दिवाली हिंदु धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है। यह त्योहार हमेशा से ही काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
इस त्यौहार में आजकल लोग खूब पटाखे जलाते है जिसकी वजह से प्रदुषण बहुत बढ़ जाता है दीवाली पर पटाखे जलाने से उत्पन्न होने वाला धुएं वायु में मिलकर वायु प्रदूषण के स्तर और मात्रा को बढ़ाता है।
पटाखे जलने से होने वाले धुएं से मानव स्वास्थ्य पर भी इसका काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। हवा नकरात्मक प्रदूषको से भर जाती है,ध्वनि प्रदूषण के कारण भी दिवाली का खुशनुमा त्योहार दुखदायी बन जाता है।
अभिभावको को बच्चों को इस मुद्दे के प्रति जागरुक करना चाहिए और उन्हे इसके नकरात्मक प्रभावों के बारे में बताना चाहिए। यदि बच्चे जिद्द करे तो उन्हें केवल वो ही पटाखे दिलवाये जो ज्यादाधुआँ और तेज आवाज ना करते हो।
सरकार को पटाखों के उत्पादन की मात्रा और गुणवत्ता को पुनः विश्लेषण करना चाहिए ताकि जो पटाखे काफी ज्यादा मात्रा में वायु और ध्वनि प्रदूषण फैलाते हो, उन्हे आवश्यक रुप से प्रतिबंधित किया जा सके ।
हमें एक जिम्मेदार नागरिक के तरह व्यवहार करना चाहिए और पटाखे जलाने का बहिष्कार करना चाहिए। हमें लोगो को प्रेरित करना चाहिए के दिवाली दीपों का त्यौहार है तो केवल दीप जलाकर मनाये। हमें समझना होगा की पटाखे जला त्योहार की ख़ुशी नही है बल्कि प्रदूषण को बढ़ावा देते है,
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