गणतन्त्र दिवस भी अन्य राष्ट्रीय पर्वों की भाँति बहुत महत्वपूर्ण है। 26 जनवरी 1950 के ही दिन हमारे देश में नए संविधान को लागू किया गया था। इस संविधान को लागू कर के हमने अपने राष्ट्र को पूर्ण सत्ता सम्पन्न धर्म निरपेक्ष गणतन्त्र घोषित किया था। इसलिए 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस के रूप में भी जाना जाता है।
26 जनवरी 1930 को रावी नदी के तट पर कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था। 26 जनवरी के महत्व को ध्यान में रखते हुए इसी दिन ही भारत के नए संविधान को लागू किया गया।
इसका आयोजन दिल्ली में विशेष उत्साह और धूम धाम के साथ किया जाता है। इस दिन परेड का भी आयोजन किया जाता है। यह परेड विजय चैंक से प्रारम्भ होती है और लाल किले तक जाती है। लगभग आठ बजे प्रातः राष्ट्रपति की सवारी विजय चैंक पर पहुँचती है। प्रधानमंत्री उनकी अगवानी करते हें। इसके बाद तीनों सेनाओं के सैनिक राष्ट्रपति महोदय को सलामी देते हैं। सैनिकों के बाद स्कूलों के बच्चों की टोलियाँ अपने कार्यक्रम प्रस्तुत करती हैं।
विद्यालयों में गणतन्त्र दिवस- विद्यालयों में भी गणतन्त्र दिवस बहुत धूम धाम तथा उत्साह से मनाया जाता है। विद्यालयों में छात्र प्रातः आठ बजे के लगभग इकट्ठे होने लगते हैं। राष्ट्रध्वज के आरोहण के बाद छात्र राष्ट्रध्वज को सलाम देते हैं। गणतन्त्र दिवस के महत्व को दर्षाने वाले गीत तथा अन्य कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाते हैं। इस अवसर पर मिष्टान्न वितरण भी किया जाता है।
प्रान्तों में गणतन्त्र दिवस- विभिन्न राज्यों की राजधानियों में भी गणतन्त्र दिवस बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। देश के सभी सरकारी भवनों पर रोशनी की जाती है।
हमने भारत को त्याग और संघर्ष करके स्वतन्त्र कराया था। इसके लिए हजारों, नौजवानों, बच्चों, माताओं और बहनों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। इसलिए हम सबका कत्र्तव्य है कि हम गणतन्त्र दिवस के अवसर पर प्रण करें कि भारत की स्वतन्त्रता और उसके संविधान की मर्यादा रखने के लिए हम सर्वस्व भी न्योछावर कर देंगे।
Sunday, November 4, 2018
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