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Saturday, November 3, 2018

भगत सिंह पर निबंध (250 शब्द)

November 03, 2018




भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को पंजाब में एक जटसिख परिवार में हुआ था। उनके पिता किशन सिंह, दादा अर्जुन सिंह और चाचा अजीत सिंह भारतीय स्वतंत्रता के संघर्ष में सक्रिय रूप से शामिल थे। अपने परिवार के सदस्यों से वे बेहद प्रेरित हुए और देशभक्ति की भावना उनमें घर कर गई। ऐसा लग रहा था कि देशभक्ति उनकों रगों में दौड़ रही थी।

1916 में जब वह 9 वर्ष के थे तो लाला लाजपत राय और रास बिहारी बोस जैसे क्रन्तिकारी  नेताओं से मिले। भगत सिंह उनके द्वारा बहुत प्रेरित थे। 1919 में हुई जलियांवाला बाग हत्याकांड की वजह से भगत सिंह बेहद परेशान थे। नरसंहार केएक  दिन के बाद भगत सिंह जलियांवाला बाग मै गये और उस जगह से कुछ मिट्टी एकत्र कर एक स्मारिका के रूप में अपने पास रख ली। इस घटना ने ब्रिटिश शासन को देश से बाहर धकेलने के लिए उनकी इच्छा को मजबूत किया।

जलियांवाला बाग नरसंहार के बाद लाला लाजपत राय की मृत्यु की वजह से भगत सिंह को गहरा आघात पहुँचा। इस कारण वह ब्रिटिश क्रूरता को सहन नहीं कर सके और लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने का फैसला किया। इस दिशा में उनका पहला कदम ब्रिटिश अधिकारी सॉन्डर्स को मारना था। सॉन्डर्स की हत्या के बाद उन्होंने विधानसभा सत्र के दौरान केंद्रीय संसद में बम फेंका। इसके बाद उन्हें अपने कृत्यों के लिए गिरफ्तार कर लिया गया और अंततः 23 मार्च 1931 को भगत सिंह को राजगुरु और सुखदेव के साथ फांसी दे दी गई।

भगत सिंह केवल 23 वर्ष के थे तब उन्हें ब्रिटिश शाशन द्वारा फांसी की सजा दे दी गई थी।   उन्होंने अपने आप को हँसते-हँसते देश के लिए कुर्बान कर दिया यह बात युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई। उनकी वीरता की कहानियाँ आज भी युवाओं को प्रेरित करती हैं।

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