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Friday, November 9, 2018

होली: रंगों का त्योहार पर निबंध (350 words) essay on holi in hindi (350 words)

November 09, 2018

प्रस्तावना
होली भारतवर्ष का एक प्रसिद्ध त्यौहार है यह वास्तव में रंगो का त्योहार है जो हर साल फागुन के महीने में मनाया जाता है। । हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा इसे पूरे भारतवर्ष में मार्च के महीने में मनाया जाता है खासतौर से उत्तर भारत में। ‘होली’ रंगों के इस पवन पर्व के आते ही मानो चेहरे पर एक अद्भुत सी मुस्कान दिखती है। 
होली क्यों मनाया जाता है?
 होली के त्यौहार  पीछे कई सारी कहानीयाँ और पौराणिक कथाएं है। इस उत्सव का अपना महत्व है, हिन्दू मिन्नतों के अनुसार होली का पर्व बहुत समय पहले प्राचीन काल से मनाया जा रहा है जब होलिका अपने भाई के पुत्र को मारने के लिये आग में लेकर बैठी और खुद ही जल गई।  होलिका को वरदान प्राप्त था के वह अग्नि से नहीं जल सकती।  लेकिन  इसमें भक्त प्रह्लाद तो बच गये परन्तु  होलिका जल कर मर  गई।
  प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त था इसलिये प्रभु ने उसकी रक्षा की।  उसी समय से हिन्दू धर्म के लोग इस त्योहार को मना रहे है। होली से ठीक एक दिन पहले होलिका दहन होता है जिसमें लकड़ी, घास और गाय के गोबर से बने ढेर में इंसान अपने आप की बुराई भी इस आग में जलाता है। होलिका दहन के अगले दिन होली का त्योहार मनाया जाता है 

अपनेपन की होली
रंगो, खुशियों, मिठाइयों, एवं पकवानों से भरी इस त्यौहार को भाईचारे के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है।   होली भारत में मनाये जाने वाला एक खुशियों और रंगों से भरा पर्व है जो हिन्दुओं द्वारा बहुत ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस दिन बच्चे पिचकारी से एक दूसरे पर रंग डालते हैं 
निष्कर्ष
इस त्यौहार में लोग आपस के मत-भेद भूल कर नई जीवन की शुरुआत के साथ अपने अंदर नई ऊर्जा को भी ले आते है। इस दिन  हर जगह रंग ही रंग दिखाई देता है पूरा शहर रंगीन हो जाता है। सबके घरों में तरह तरह के पकवान बनते है। शाम को सब एक दूसरे के घर जाते है और अबीर गुलाल लगते है।

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